Total Pageviews

Abhinav Dhar

Abhinav Dhar
Thats Me...!!!

Monday, April 16, 2012

दूर चले जाएगी वो रौशनी जो रहती थी तुम सबके होने से इस जिंदगी में ...!!

कब मैंने ये सोचा था एक ऐसा लम्हा भी आएगा
जो ये दिन दिखलायेगा


जुदा होंगा मैं अपने यारों से
जिनसे जुड़ा था मैं इन सालों में


उन आहटों से उन हसरतों से
जिनसे जुड़ा था मैं इन कुछ दिनों में


कैसे जी पाउँगा उन क्लास की बेन्चेस के बिना
जिनसे नाता था कुछ काचा पक्का सा


उन लोगों के बिना
जिनसे न चाहते हुए भी कुछ था बंधन सा


उस कैंटीन की याद के बिना
जिनसे रिश्ता था काफी पुराना सा


वो नेस्कैफे की maggy 
जिसमे स्वाद था कुछ अलग सा

उन अध्यापको की डाट के बिना
जो लगती थी हमेशा बेवजह सी


उस लैब के बिना 
जहाँ प्रोग्राम नहीं बनता था चलता था कुछ facebook ऑरकुट सा


उन सेमिनार और presentation के बिना
जिसमे आता था सबसे ज्यादा मज़ा 


उन प्रोजेक्ट रिपोर्ट और files के बिना
जो एक दिन पहले बना करती थी


उन फर्रो के बिना
जो एक्साम में पकडे जाते थे


उस पहले सुट्टे के बिना
जो यारी दोस्ती में मारा जाता था


उस व्हिस्की के पेग 
जो दोस्तों के साथ मारे जाते थे


क्या लौटके अ जायेंगे ये दिन ??
लगता है मुश्किल
पास है मंजिल पर न रहना पड़ेगा एक दूजे के बिन 


टूट जाएगा नाता उन यादों से
उन लम्हों से
जो रहती थी हमेशा इस दिल में

दूर चले जाएगी वो रौशनी
जो रहती थी तुम सबके होने से
इस जिंदगी में ...!!