इतना टूट जाने के बाद भी
हम हालात सम्भाल लेते है
खुद अपनी नींदें रखके गिरवी
किसी और की रातें सम्भाल लेते है
कहना चाहता है बोहत कुछ ये दिल
पर ये जज़्बात सम्भाल लेते है
पूछना ना हमसे कभी
कैसे हम ये लफ़्ज़ों की थरथराहट सम्भाल लेते है
बिखरखर हम खुद ही
खुद को बिखरने से संभल लेते है
टूटा है जो दिल
उसी से खुद को टूटने से बचा लेते है
महसूस करते तो है हम आज भी उनको
पर मोहोब्बत की आदत सम्भाल लेते है
आती है यादें बोहोत आज भी उनकी
पर अब ख्यालों की सनसनाहट सम्भाल लेते है
हम हालात सम्भाल लेते है
खुद अपनी नींदें रखके गिरवी
किसी और की रातें सम्भाल लेते है
कहना चाहता है बोहत कुछ ये दिल
पर ये जज़्बात सम्भाल लेते है
पूछना ना हमसे कभी
कैसे हम ये लफ़्ज़ों की थरथराहट सम्भाल लेते है
बिखरखर हम खुद ही
खुद को बिखरने से संभल लेते है
टूटा है जो दिल
उसी से खुद को टूटने से बचा लेते है
महसूस करते तो है हम आज भी उनको
पर मोहोब्बत की आदत सम्भाल लेते है
आती है यादें बोहोत आज भी उनकी
पर अब ख्यालों की सनसनाहट सम्भाल लेते है
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