मैंने महफ़िलो में फूलों को मुरझाते हुए देखा है
मैंने शमशान पे भी फूलों को खिलखिलाते हुए देखा है
मैंने मोहोब्बत में भी परायापन देखा है
मैंने नफरतों में भी कोई अपना देखा है
मैंने सच में कहीं बार धोका देखा है
मैंने झूट में भी कहीं छुपा सत्य देखा है
मैंने खुशियो में छुप छुप के रोना देखा है
मैंने आंसुओं में भी कहीं ख़ुशी का होना देखा है
मैंने भीड़ में भी कहीं रोता अक्स देखा है
मैंने तन्हाई में भी खुश शख्स देखा है
मैंने अमीरी में भी कहीं लड़ाई होते देखा है
मैंने गरीबी में भी कहीं खुशनुमाई होना देखा है
बस जीने का ढंग ही तो है जो हमे सीखना है
वरना मैंने जीते जी मरना
और मरके भी जीना देखा है
मैंने शमशान पे भी फूलों को खिलखिलाते हुए देखा है
मैंने मोहोब्बत में भी परायापन देखा है
मैंने नफरतों में भी कोई अपना देखा है
मैंने सच में कहीं बार धोका देखा है
मैंने झूट में भी कहीं छुपा सत्य देखा है
मैंने खुशियो में छुप छुप के रोना देखा है
मैंने आंसुओं में भी कहीं ख़ुशी का होना देखा है
मैंने भीड़ में भी कहीं रोता अक्स देखा है
मैंने तन्हाई में भी खुश शख्स देखा है
मैंने अमीरी में भी कहीं लड़ाई होते देखा है
मैंने गरीबी में भी कहीं खुशनुमाई होना देखा है
बस जीने का ढंग ही तो है जो हमे सीखना है
वरना मैंने जीते जी मरना
और मरके भी जीना देखा है
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