हम अगर बदल गये होते
तो आज इतना तनहा ना होते
उनके दिए सितम भूल गये होते
तो खुद से इतना जुदा ना होते
सभी गिले उनसे दूर कर लिए होते
तो वो हमसे इतना खफा ना होते
बस पल दो पल की इसी कश्मकश में ना डूबे होते
तो मंज़िल से इतना दूर ना होते ... दूर ना होते ...
तो आज इतना तनहा ना होते
उनके दिए सितम भूल गये होते
तो खुद से इतना जुदा ना होते
सभी गिले उनसे दूर कर लिए होते
तो वो हमसे इतना खफा ना होते
बस पल दो पल की इसी कश्मकश में ना डूबे होते
तो मंज़िल से इतना दूर ना होते ... दूर ना होते ...
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