डूब जाउ तेरी आँखों में
झूम जाऊं तेरी बाहों में
तेरे काँधे पे सर रख कर सोउ मैं
बस ज़िंदगी निकल जाए तेरी इन अदाओं में
खोया रहूँ तेरी चाहतों में
उलझा भी तो अगर सिर्फ तेरी बातों में
कुछ ना भी हो बस तू हो
फिर ज़िंदगी भी निकल जाए चाहे इन अदाओं में
झूम जाऊं तेरी बाहों में
तेरे काँधे पे सर रख कर सोउ मैं
बस ज़िंदगी निकल जाए तेरी इन अदाओं में
खोया रहूँ तेरी चाहतों में
उलझा भी तो अगर सिर्फ तेरी बातों में
कुछ ना भी हो बस तू हो
फिर ज़िंदगी भी निकल जाए चाहे इन अदाओं में
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