कागज़ की कश्तियों का किनारा ढूंढ़ता हूँ
हर आईने में कोई चेहरा नया ढूंढ़ता हूँ
हस्ती हैं जो आँखें उनमे मैं छुपी नमी ढूंढ़ता हूँ
खामोश है जो लब कबसे उनपे मैं कुछ बोल ढूंढ़ता हूँ
कट रहा है जीवन बस तनहा कोई साथ ढूंढ़ता हूँ
इस लाखों की भीड़ में कोई सपना ढूंढ़ता हूँ
रहते है जो मुझको घेरे घेरे उनमे से मैं कोई अपना ढूंढ़ता हूँ
खो गयी है राहें किसी की मुलाकात में उनमे नयी उम्मीद ढूंढ़ता हूँ
शाम के बाद आयी इस रात में मैं एक नयी सुबह ढूंढ़ता हूँ
जो लब रह नहीं पाते थे मेरे बिना उनपे फिर मैं अपना नाम ढूंढ़ता हूँ
अनजानी मुलाकातो में ही अब बस मैं पल दो पल की खुशियाँ ढूंढ़ता हूँ
कैसे जियु उससे बिछड़कर बस कोई वजह ढूंढ़ता हूँ
तड़पना ही है अब तो बस कोई तड़पाने वाला शौक ढूंढ़ता हूँ
मैं भरी महफ़िल में भी अब तन्हाई ढूंढ़ता हूँ
सारी खुशियो को छोड़कर उसके दिए गमों को ढूंढ़ता हूँ
आसान रस्ते बोहोत है पर अब तो बस मैं कठिनाइया ढूंढ़ता हूँ
ज़िंदगी बस अब कुछ इतनी सी है
कि मैं सावन में भी पतझड़ को ढूंढ़ता हूँ
हर आईने में कोई चेहरा नया ढूंढ़ता हूँ
हस्ती हैं जो आँखें उनमे मैं छुपी नमी ढूंढ़ता हूँ
खामोश है जो लब कबसे उनपे मैं कुछ बोल ढूंढ़ता हूँ
कट रहा है जीवन बस तनहा कोई साथ ढूंढ़ता हूँ
इस लाखों की भीड़ में कोई सपना ढूंढ़ता हूँ
रहते है जो मुझको घेरे घेरे उनमे से मैं कोई अपना ढूंढ़ता हूँ
खो गयी है राहें किसी की मुलाकात में उनमे नयी उम्मीद ढूंढ़ता हूँ
शाम के बाद आयी इस रात में मैं एक नयी सुबह ढूंढ़ता हूँ
जो लब रह नहीं पाते थे मेरे बिना उनपे फिर मैं अपना नाम ढूंढ़ता हूँ
अनजानी मुलाकातो में ही अब बस मैं पल दो पल की खुशियाँ ढूंढ़ता हूँ
कैसे जियु उससे बिछड़कर बस कोई वजह ढूंढ़ता हूँ
तड़पना ही है अब तो बस कोई तड़पाने वाला शौक ढूंढ़ता हूँ
मैं भरी महफ़िल में भी अब तन्हाई ढूंढ़ता हूँ
सारी खुशियो को छोड़कर उसके दिए गमों को ढूंढ़ता हूँ
आसान रस्ते बोहोत है पर अब तो बस मैं कठिनाइया ढूंढ़ता हूँ
ज़िंदगी बस अब कुछ इतनी सी है
कि मैं सावन में भी पतझड़ को ढूंढ़ता हूँ
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